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15 Apr 2025, Tue

यूपी के Ambedkar Nagar में ढहती झोपड़ी में बच्ची का किताबें बचाकर भागने का Video Viral

बच्ची का किताबें बचाकर भागने का Video Viral

Ambedkar Nagar News: Sunita Williams धरती पर लौट आईं हैं। 9 महीने बाद लौटीं तो पूरा विश्व जश्न मना रहा है। भारतियों में भी अलग उत्साह है कि भारत की बेटी ने कमाल किया है। Sunita Williams के पिता भारतीय थे लेकिन Sunita Williams का जन्म अमेरिका में हुआ। जन्मभूमि, कर्मभूमि सब अमेरिका ही है। हांलांकि फिर भी जश्न मनाया जा सकता है क्योंकि भारत उनका पैतृक घर तो है ही।

दूसरी ओर भारत में ही जन्मी भारत की ही बेटी का भारत में क्या हाल है, इस विडियो के माध्यम से समझिए। सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए बुल्डोजर से इस झोपड़ी को ढहाया जा रहा है। ऐसा सरकार का पक्ष है। वहीं झोपड़ी में रहने वालों का दावा है कि स्थानीय प्रशासन सामने रहने वाले IAS अधिकारी दिव्यांशु पटेल की मिलीभगत से ज़बरदस्ती उन्हें अपनी ही ज़मीन से निष्कासित कर रहा है।

हालांकि महत्वपूर्ण ये नहीं है कि मामला क्या है। महत्वपूर्ण है विडियो में दिख रही बच्ची। झोपड़ी तोड़ी जा रही है। शायद आग भी लगी हुई है। ऐसे में छोटी बच्ची दौड़ती हुई अंदर घुस जाती है और अपनी छाती से चिपका कर कोई सामान बाहर निकल कर भाग जाती है। वो सामान उसकी किताबें हैं। उसे नहीं परवाह किए घर जल गया, उसे नहीं परवाह कि उसे तो कहीं कोई चोट नहीं आ जाएगी। उसको चिंता इस बात की थी कि कहीं किताबें जल न जाएं। वरना पढूंगी कैसे? Homework कैसे complete करूंगी? विडियो इंटरनेट पर वायरल है। लोग बच्ची के हिम्मत और पढ़ाई के प्रति प्रेम की सराहना कर रहे हैं।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी विडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “उप्र के अम्बेडकर नगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपड़ियां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है। ये वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ!”

ये विडियो विशेष इसलिए भी है क्योंकि आज भी लोग बेटियों को पैदा होने से पहले ही मार देते हैं। और जो पैदा हो जाती हैं उनके दिमाग में लगातार ठूंसा जाता है कि तू पराया धन है। यूं ही तो नहीं न लगभग हर दूसरी भारतीय महिला Anaemia का शिकार है। पराया धन है तो खिलाने की आवश्यकता क्या है। Return on investment तो अपने धन से ही वापस आएगा। और अगर पैसे खर्च करने भी हैं तो लड़की की शादी पर, गहनों पर, दहेज पर। जिस उम्र की ये बच्ची है उस उम्र में ही न जाने कितने मां-बाप पैसे जोड़ना शुरू कर चुके होंगे उसकी शादी के लिए ये तर्क देकर कि हम तो गरीब हैं। अभी से पैसे जोड़ना शुरू करेंगे तो शादी की उम्र तक कुछ कर पाएंगे। उसका भविष्य निश्चित है। फिर उसको पढ़ाने की आवश्यकता ही क्या है। ये मैं प्रवचन नहीं बांट रहा हूं। ये हो रहा है अभी भी।

ये विडियो हर ऐसे मां-बाप के लिए करारा जवाब है जिन्होंने बच्ची पैदा कर तो दी है लेकिन अब उनके जीवन की सबसे बड़ी चुनौती उसकी शादी है। इस पूरे मुद्दे पर आपकी क्या राय है कमेंट करके अवश्य बताएं।

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