Changur Baba : देश में कई फर्जी बाबाओं की पोल खुल चुकी है, और अब इन्हीं मे एक नया नाम जुड़ गया है – Changur Baba का, जो धर्मांतरण और विदेशी इस्लामी फंडिंग जैसे मामलों में घिरा हुआ है। आइए समझते हैं कि आखिर कैसे इस नकली बाबा ने अपना जाल फैलाकर बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया। साथ ही छांगुर बाबा से जुड़े तमाम विवाद क्या हैं?
106 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ चल रही धर्म परिवर्तन जांच पर खुलासा किया। Changur Baba पर बड़े पैमाने पर लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। जांच में पता चला है कि उसे अरब देशो से करीब 106 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली है और देश के कई हिस्सों में उसके पास अवैध सम्पत्ति भी है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, Changur Baba और उसके साथियों के पास करीब 40 बैंक खाते थे जिनका इस्तेमाल हवाला के जरिये पैसे मंगवाने और विदेश से फंड लेने के लिए किया गया। लखनऊ की ईडी शाखा ने उत्तर प्रदेश एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
ईडी अब बाबा को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है ताकि पैसों के गलत इस्तेमाल और विदेशी फंडिंग के बारे में जानकारी मिल सके। जांच में ये भी सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसका संगठन खुद को झूठे तरीके से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ बताता था, जबकि इसका कोई सबूत नहीं है। 5 जुलाई को बाबा उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) की हिरासत में ले लिया गया और उससे धर्म परिवर्तन के आरोपों में पूछताछ किया जा रहा।
कमज़ोर और गरीब लोगों पर निशाना
Changur Baba के पिता करीमुल्ला की मृत्यु के बाद, उसकी माँ उसे लेकर अपने मायके चली गई। 2011 में उसकी पत्नी कुतबुनिशा ग्राम प्रधान चुनी गई, जिसके बाद उसका प्रभाव बढ़ने लगा। 78 साल का छांगुर बाबा पहले ताबीज़ और नकली पत्थर बेचता था और साइकिल मे गाँव-गाँव घूमता था। 2015 के बाद उसने खुद को पीर बाबा या हज़रत बाबा जलालुद्दीन बताना शुरू कर दिया और सुफ़ी प्रचारक के रूप मे पहचान बनाई।
वह उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। धीरे-धीरे उसने कमज़ोर और गरीब लोगों को अपना निशाना बनाना शुरू किया, खासकर विधवा और अकेले लोगों को, और उन्हें मदद के बदले धर्म बदलने को कहा। उसकी पहुँच बलरामपुर से लेकर भारत-नेपाल सीमा तक फैल गई और खुफिया एजेंसियों की नज़र में आ गया। उसका नाम ‘छांगुर’ होने का कारण उसके हाथ में छह उंगलियाँ होना बताया जाता है, जिससे लोगों के बीच उसे एक रहस्यमई बाबा के रूप मे देखा गया।
50 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, Changur Baba बलरामपुर की चांद औलिया दरगाह से अपने नेटवर्क को चलाता था और वहाँ बड़े-बड़े धार्मिक कार्यक्रम करवाता था जिनमे भारत और विदेश के लोग शामिल होते थे। पुलिस के अनुसार, बाबा और उसके साथी पिछले कुछ सालों मे 50 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि बाबा ने पिछले कुछ सालों में बहुत सारी संपत्ति बनाई, जैसे बलरामपुर और पुणे मे ज़मीन और कई महंगी गाड़ियाँ। बलरामपुर के मधपुर गांव में तीन बीघा ज़मीन पर बनी एक संपत्ति को गिरा दिया गया क्योंकि वह ग्राम सभा की ज़मीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी।
सूत्रों के अनुसार, Changur Baba ने खुद एक किताब “Shijra-e-Tayyaba” प्रकाशित करवाई थी, जिसका उद्देश्य केवल धार्मिक प्रचार नहीं था, बल्कि एक खास एजेंडा के तहत लोगों का मानसिक रूप से ब्रेनवॉश करना था। इस किताब में मुस्लिम युवकों को हिंदू लड़कियों से जोड़ने और उन्हें इस्लाम की ओर आकर्षित करने की बातें की गई हैं।
इसके अलावा, किताब में ‘धर्मी सैनिकों’ का ज़िक्र है, यानी ऐसे लोग जो इस्लाम के लिए अपनी जान तक देने को तैयार हों। इसमें यह भी विस्तार से बताया गया है कि किस तरह लोगों को इस्लाम की ओर झुकाया जा सकता है और किस तरीके से धर्मांतरण की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए। धार्मिक भाषणों, और मानसिक दबाव डालकर बाबा ने इस्लाम धर्म को फैलाया और अन्य धर्मों के लोगों, खासकर हिंदू और गरीब वर्ग के लोगों को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया।
धर्म परिवर्तन के लिए जातियों के अनुसार पैसे तय
एटीएस के अनुसार, गरीब मजदूर, कमजोर वर्ग और विधवा महिलाओं को लालच, आर्थिक मदद, शादी का वादा या डर दिखाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि धर्म परिवर्तन के लिए जातियों के अनुसार पैसे तय किए गए थे—जैसे ब्राह्मण, सिख या क्षत्रिय लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये, ओबीसी लड़कियों के लिए 10-12 लाख और अन्य जातियों की लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये।
एक मामले में, लखनऊ की गुंजा गुप्ता नाम की महिला को बाबा के साथी अबू अंसारी ने ‘अमित’ बनकर प्रेम जाल में फंसाया और फिर उसे बलरामपुर ले जाकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया, जहाँ उसका नाम अलिना अंसारी रख दिया।
Changur Baba : गरीब व्यक्ति से संगठित आपराधिक नेटवर्क के मास्टरमाइंड तक
Changur Baba की कहानी एक गरीब व्यक्ति से शुरू होकर एक संगठित आपराधिक नेटवर्क के मास्टरमाइंड तक की है, जिसमें धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग, और माफिया कनेक्शन जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। उसकी गिरफ्तारी और जाँच ने उत्तर प्रदेश में धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता को उजागर किया है।
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