Internet Shutdowns in 2024: Article 19(1)(a) – Right to Freedom of Speech and Expression – भाषण और अभिव्यक्ति की आज़ादी। ये मैं क्यों बता रहा हूं? पता तो होगा ही आपको। क्योंकि इसी अनुच्छेद के तहत इंटरनेट इस्तेमाल करने के अधिकार को भी मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त है। न्यायपालिका का मानना है कि अगर आपके पास इंटरनेट इस्तेमाल करने तक की आज़ादी नहीं है तो आपको अपनी बात अभिव्यक्त करने की आज़ादी भी कैसे मिलेगी?
अनुच्छेद 19, अभिव्यक्ति की आज़ादी, इंटरनेट। भाई मामला क्या है? मामला ये है कि एक रिपोर्ट आई है। Access Now नाम की संस्था ने #Keepiton के सहयोग से ये रिपोर्ट Publish की है। रिपोर्ट बताती है कि किसी एक वर्ष में किसी देश द्वारा कितनी बार इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई। Report का नाम है Emboldened offenders, Endangered Communities: Internet Shutdowns in 2024। कुल मिलाकर 2024 में 54 देशों में कुल 296 Internet Shutdowns हुए। यानि सरकारों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई।
भारत में 84 Internet Shutdowns किए गए। जो कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में सबसे ज्यादा है। भारत से आगे मात्र एक देश है – और वो है म्यानमार जहां पूरे साल में 85 Internet Shutdowns हुए। आपको ज्ञात होगा कि वर्तमान में म्यानमार में वहां की मिलिट्री जुंटा शासन में है और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी गई हैं। आप सोच सकते हैं कि हमारी प्रतिस्पर्धा किन देशों से है।
इतना ही नहीं पिछले 6 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत Internet Shutdowns के मामले में नम्बर 1 पर नहीं है। अगर आपको 84 ज़्यादा लग रहे हैं तो आपको बता दूं कि 2023 में तो कुल 116 Internet Shutdowns हुए थे पूरे देश में। इन 84 Shutdowns में से 41 Internet Shutdowns का कारण धरना प्रदर्शन थे तो साम्प्रदायिक दंगों के कारण 23 बार internet shutdowns किए गए थे। और तो और सरकारी नौकरी की प्रवेश परीक्षाओं के दौरान धांधली को रोकने के लिए भी 5 बार internet सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
राज्यों के स्तर पर बात करें तो वर्ष 2024 में मणिपुर में सबसे अधिक बार Internet सेवाएं बंद की गईं। वहां ऐसा 21 बार हुआ। सीधी सी बात है कि मणिपुर में पिछले 2 सालों से हिंसा हो रही है वो ही एकमात्र कारण है Internet Shutdowns का। मणिपुर के बाद जहां सबसे अधिक Internet Shutdowns किए गए उनके नाम हैं हरियाणा और जम्मू-कश्मीर। दोनों ही राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में 12 बार इंटरनेट सेवा बंद की गई।
Access Now की वरिष्ठ नीति सलाहकार नम्रता महेश्वरी ने एक बयान में कहा कि शटडाउन भारत की वैश्विक नेतृत्व महत्वाकांक्षाओं के अनुकूल नहीं हैं, चाहे वह AI, Digital Governance या Skilling से जुड़ी हों। किसी अन्य लोकतंत्र में लोगों को बिना किसी निगरानी या जवाबदेही के, साल दर साल, कनेक्टिविटी से वंचित नहीं किया जाता।
Access Now के अनुसार 2024 में मात्र 3 देश – भारत, पाकिस्तान और म्यांमार में ही 64% Internet Shutdowns हुए। Access Now पर Asia Pacific Policy director Raman Jit Singh Chima ने कहा कि शटडाउन समाजों को अस्थिर करते हैं, डिजिटल प्रगति को बाधित करते हैं, पूरे समुदायों को खतरे में डालते हैं और मानवाधिकारों के हनन के लिए दंडमुक्ति का आवरण प्रदान करते हैं। म्यांमार से लेकर पाकिस्तान तक, अधिकारी लोगों को बिना किसी जवाबदेही के बाकी दुनिया से अलग कर रहे हैं, जो एशिया में बढ़ते डिजिटल तानाशाही को दर्शाता है।
Internet Shutdown करने के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। एक तरफ तो इनका इस्तेमाल किया जाता है संवेदनशील इलाकों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तो दूसरी ओर सरकारें इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकती हैं लोगों की अभिव्यक्ति को रोकने के लिए। इसके अलावा आम जनजीवन तो अस्त व्यस्त तो होता ही है। जैसे बच्चों की पढ़ाई से लेकर व्यापार और इंटरनेट पर होने वाले Digital Transactions तक। इसलिए Internet Shutdown एक महत्वपूर्ण tool है जिसका इस्तेमाल बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए और इसको लेकर सरकारों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
Report के अनुसार भारत में बहुत अधिक इंटरनेट सेवाएं बंद की जाती हैं। यदि एक परीक्षा तक सही से कराने के लिए हमें इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़े तो हमें अपनी व्यवस्था का अवलोकन करने की आवश्यकता है। इस पूरी रिपोर्ट पर आपकी क्या राय है कमेंट करके अवश्य बताएं।
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