Myanmar Earthquake: 28 मार्च 2025 – ये वो दिन है जब पड़ोसी देश म्यांमार ने एक विनाशकारी भूकंप का सामना किया। रिक्टर स्केल बताता है कि भूकंप की तीव्रता 7.7 थी। असर भी वैसा ही हुआ है। करीब 1,000 से अधिक लोगों ने जान गंवा दी और 2,000 से अधिक लोग घायल हैं। ये अब तक के आए आंकड़े हैं। संख्या बढ़ सकती है। भूकंप का केंद्र था म्यांमार के मांडले शहर के पास का सागियांग क्षेत्र। धरती से करीब 10 किलोमीटर नीचे।
इतना ही नहीं भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड में भी बहुत तीव्र था। लम्बी लम्बी इमारतें धाराशाई हो गईं। एक बहुमंजिला इमारत तो बिल्कुल धड़ल्होले से गिरी। इसके भीतर करीब 43 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
म्यांमार दो tectonic plates के बीच स्थित
आपको बता दूं कि म्यांमार दो tectonic plates के बीच स्थित है। इस कारण म्यांमार भूकंप की दृष्टि से एक संवेदनशील इलाका है और दुनिया के सबसे अधिक seismically active देशों में से एक है। हालांकि सागियांग क्षेत्र में पीछले लम्बे समय से कोई बड़ा विनाशकारी भूकंप नहीं आया था।
मृतकों की संख्या 10 हज़ार से 1 लाख के बीच हो सकती है
United States Geological Survey (USGS) Earthquake Hazards Program ने कहा कि मृतकों की संख्या 10 हज़ार से 1 लाख के बीच हो सकती है। और आर्थिक नुकसान अधिकतम म्यांमार की GDP का 70% तक हो सकता है।
म्यांमार में मिलिट्री जुंटा का शासन
म्यांमार में वहां की मिलिट्री जुंटा का शासन है। और लोकतंत्र खत्म कर दिया गया है। सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली थी। इसलिए सुचनाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहता है। और स्पष्ट रूप से कह पाना कि हताहतों की संख्या कितनी है और कितना अधिक नुकसान हुआ है, मुश्किल है।
अनेकों भूकंप के झटके
7.7 की तीव्रता का भूकंप आने के बावजूद भी अनेकों भूकंप के झटके थोड़ी-थोड़ी देर पर आ रहे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, शुक्रवार रात 11 बजकर 56 मिनट पर म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया।
भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी
भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से राहत सामग्री लेकर म्यांमार रवाना हुआ, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सैनिटेशन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट, आवश्यक दवाएं (पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, सूती पट्टियाँ, मूत्र बैग, आदि) शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 5 मिलियन डॉलर दिए हैं।